शीर्षक: कृषि वैज्ञानिका - कृषि विज्ञान, नवाचार और खेती की काव्य अभिव्यक्तियाँ
लेखक: डी कुमार
प्रकाशित: दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी), जोधपुर, राजस्थान (23 दिसंबर 2023)
आईएसबीएन नंबर: 978-93-5578-082-9
पुस्तक विमोचन: राष्ट्रीय किसान दिवस, 23 दिसंबर 2023
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
साउथ एशिया बायोटेक्नोलॉजी सेंटर, जोधपुर के तकनीकी सलाहकार और काजरी के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डी. कुमार ने कृषि क्षेत्र में नवाचार और खेती की नयी विधियों को आसान कविता की भाषा में किसानो तक पहुंचाने के लिए ’’कृषि वैज्ञानिका - कृषि विज्ञान, नवाचार और खेती की काव्य अभिव्यक्तियाँं’’ नामक किताब लिखी हैं। इस किताब का प्रारूप साउथ एशिया बायोटेक्नोलॉजी सेंटर जोधपुर के डॉ. सी डी मायी और डॉ. भागीरथ चौधरी के नेतृत्व में किया गया हैं।
देश के विभिन राज्यों विशेषकर राजस्थान के मरू क्षेत्रों में, कृषि के वातावरण व कृषि की संपदाओं, में काफी विविधताऐं हैं, ये विविधताऐं; सीमित संसाधन तथा तकनीकियों के सीमित प्रसार के कारण, कृषि उद्योग में आय-व्यय में काफी अन्तर उत्पन्न पैदा कर देती है। इस अन्तर को पाटना तथा कृषि क्षेत्र को और अधिक लाभदायक बनाना हमारा ध्येय है।
इस वर्ष भारत जश्न की तिकड़ी मना रहा हैं; एक ओर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 मनाया जा रहा है तो दूसरी ओर आज़ादी के 75 वें अमृत महोत्सव में भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। यही सही समय है, जब हम सब भारतवासी हमारे देश के छोटे और सीमांत किसानों के परिश्रमी जीवन और उससे मिली समृद्धि का भी जश्न मनाएं।
इसी क्रम में साउथ एशिया बायोटेक्नोलॉजी सेंटर, जोधपुर ने कृषि के ज्ञान को किसानों तक पहुँचाने की एक विशेष पहल की है। जिसके तहत एक नया प्रकाशन ’’कृषि वैज्ञानिक - कृषि विज्ञान, नवाचार और खेती की काव्य अभिव्यक्तियां” का लेखन किया हैं। कृषि के वैज्ञानिक ज्ञान को किसानो तक पहुंचना का यह एक नायब तरीका हैं। इस मुहीम को आगे बढ़ाने हेतु कृषि वैज्ञानिका कविता के संस्करण में माननीय श्री नरेंद्र सिंह जी तोमर, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार; माननीय अशोक गहलोत जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री और डॉ हिमांशु पाठक, सचिव डीएआरइ एवं महानिदेशक आईसीएआर ने अपना सन्देश सुसज्जित किया हैं।
कृषि की जटिल तकनीकियों को समझकर, आसान भाषा में परिवर्तित कर, 75 कविता कविताओं का संग्रह, भारत के 75 वें अमृत महोत्सव में किसान समाज के सम्मुख प्रस्तुत करने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। हमारे किसान इसे समझ कर, गुनगुनाते हुए, याद रखेंगे तथा अपनी आवश्यकताओं व अपनी जलवायु के लिए अनुकूल तकनीकियों को क्रियान्वित कर सकेंगे।
उचित कृषि ज्ञान, तकनीक और नवाचार के खेत-खलिहान में पहुँचने से खेती की पैदावार में बढ़ोतरी होगी, उत्पादकता में स्थिरता आएगी, उत्पाद गुणवत्ता से भरपूर होगा तथा निर्यात की कसौटी पर सही उतरेगा। इस प्रकार के प्रयास से कृषि क्षेत्र में समृद्धि आएगी तथा हर प्रकार से प्रदेश में खुशी की लहर छाने लगेगी। हम "कृषि वैज्ञानिका" पुस्तक को प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन जी को समर्पित करते जिन्होंने भारत में कृषि शिक्षा, अनुसन्धान और किसान कल्याण में अहम् योगदान दिया हैं।
Hardcover: 112 pages